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कठोर तपश्चर्या से जब
महापुरूषों का कर्म
बदल जाता है तब उनका
पुनर्जन्म हो जाता है !
और उनके पूराने रिश्तेनाते
सब छूट जाते है !
” वसूधैव कुटूंबकम ” ही उनका
परिवार बन जाता है !
श्रीहरी !!!

विनोदकुमार महाजन

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