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*मोदीजी योगीजी जैसा झंझावात चाहिए !!*
✍️ २४७२

*विनोदकुमार महाजन*

🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷

संगठन की शक्ती और कार्य बढाने के लिए उस संगठन प्रमुख के अंदर झंझावात जैसा कार्य चाहिए ! तूफान चाहिए !
वायुगती से कार्य आगे बढाने की शक्तिशाली रणनीती और चुस्ती स्फूर्ती चाहिए !
कार्य के प्रती निष्ठा और आत्मा की शुध्दी चाहिए !

तभी कार्य आकाश को छुयेगा !

*उपर के सारे ईश्वरी गुण मोदीजी योगीजी के अंदर दिखाई देते है !*

इसिलिए उनका कार्य भी हरदिन तेज गती से आगे बढ रहा है और नई उंचाईयों को प्राप्त कर रहा है !

मगर एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात यहांपर मैं उपस्थित करना चाहता हूं की ,
हिंदुत्व विचारधारा के देश विदेशों में अनेक आध्यात्मिक ,सामाजिक संगठन है ! राष्ट्रीय राजकीय संगठन भी है ! मगर कार्य वायुगती से आगे बढाने की , झंझावात निर्माण करके कार्य को यशस्वी बनाने की वास्तविक क्षमता कितने व्यक्तीयों के अंदर अथवा संगठनों के अंदर है ?
( मोदिजी और योगीजी जैसी )

संगठन तो है मगर वह संगठन मुर्दाड पडा हुवा है ? तो ऐसें संगठनों का क्या फायदा ?
और ऐसे अनेक संगठन भी है !

*समाज मन की चेतना जगाने के* लिए उतने ही चैतन्यदाई , स्फुर्तीले , चुस्त , झंझावाती ,गतीशील नेतृत्व की भी जरूरत ही नहीं बल्कि अत्यावश्यकता होती है !

इसके लिए एक उदाहरण देखते है !
समाज के कितने प्रतिशत हिंदुओं को यह ज्ञात है की , उनके ही मंदिरों में चढायेजानेवाले दान से अथवा टैक्स के पैसों से ही कुछ राष्ट्रद्रोही शक्तियां अथवा राजनीतिक पार्टियां हिंदुत्व के खातमें की तैयारी करते है ❓
अथवा कितने प्रतिशत लोगों को यह एक महत्वपूर्ण बात मालुम है कि ,आजादी के बाद कुछ व्यक्ति असैंवाधानिक तरीकों से सत्तास्थान पर विराजमान हो गये ? और अनेकों सालों तक उनकी पिढीयाँ इसी प्रकार से देशपर राज्य करते आयी ? और अपने हिंदुत्व द्रोह के गुप्त एजेंडों को अनेक सालों तक चलाती रही ❓

मतलब हिंदू समाज संपूर्णतः ऐसी घटनाओं से अनभिज्ञ भी रहा और निद्रिस्त भी रहा !

इसका मतलब साफ है की
कितने आध्यात्मिक ,सामाजिक ,
राजकीय संगठनों ने हिंदुत्व वायुगती से जगाने का कार्य किया ? अथवा गुप्त तरीकों से हिंदुत्व चेतना अभियान कितने लोगों ने गतीशील किया ?

*आज भी अनेक लोगों को हिंदुत्व के प्रती हो रहे अत्याचारों की एक प्रतिशत भी जानकारी नहीं है ?*

तो *ऐसा क्यों हुवा ?*
निद्रीस्त समाज को तेज गती से जगाने का “*जमीन के अंदर का* ” फार्मूला क्यों नहीं अपनाया गया ?

हर घर में संपर्क करके , हर व्यक्ति को यथोचित ज्ञान देने की और राष्ट्रद्रोहियों के प्रति सजग करने की शक्तिशाली योजना और रणनीति क्यों नहीं अपनाई गई ?

अगर विघटनकारीयों की हिंदुत्व को दबाने की चौतरफा शक्ति दस प्रतिशत है तो उसके सौ गुणा अधिक शक्तिशाली की गुप्त रणनीति क्यों नहीं बनाई गयी ?

इस देश में हिंदुत्व का , महर्षि दयानंद सरस्वती जी ,सावरकरजी , करपात्री महाराज जी , सुभाषचंद्र बोस , शामाप्रसाद मुखर्जी जैसे अनेक तेजस्वी महात्माओं का कार्य भी रोकने का महापाप किया गया !
ऐसे समय में जमीनी तौर पर अथवा जमीन के निचे की शक्तिशाली रणनीति क्यों नहीं अपनायी गई ?
हमारा नेतृत्व अनेक बार विफल क्यों होता रहा ?

क्या हमारे पास कार्यकर्ताओं की फौज कम थी ? या फिर शक्तिशाली और जीत की ओर ले जानेवाली तगड़ी रणनीति ही हमारे पास नहीं थी ?

और यही कमजोरी जानकर , संपूर्णतः समझकर , मोदिजी और योगीजी अपना ईश्वरी कार्य वायुगती से तेज कर रहे है ! मगर राजनैतिक कारणों से उनको भी अनेक मर्यादाएं है ! कानूनी दायरे में और मर्यादाओं में रहकर ही कार्य गतीशील करना पड रहा है !

उन दोनों का कार्य गतीशील करने का प्रयास भी कुछ निरपेक्ष व्यक्ति ,महात्माओं द्वारा जारी है ! परीणामों की पर्वा किए बगैर ! आर्थिक लाभ हानि का विचार किए बगैर !
हरपल अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसे सदैव जागृत योध्दे अपना राष्ट्रप्रेम का कार्य तेज कर रहे है !
जिसमें मेरे परम मित्र , सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्रीमान अश्वीनीकुमार उपाध्याय जी , पुष्पैंद्र कुलश्रेष्ठ जी जैसे अभ्यासक और वास्तव जानने वाले महापुरुष भी अथक प्रयास कर रहे है !
समाज जागृती अभियान को तेज कर रहे है , गतीशील कर रहे है ! मरे हुए समाज में चेतना डालने का काम कर रहे है !
जमीनी तौर पर कार्य आगे बढाने की लगातार कोशिश कर रहे है !

मगर ऐसे योध्दाओं को भी अनेक मर्यादाओं में रहकर , और सिमीत प्रसार माध्यम हाथों में होकर ही कार्य आगे बढाना पड रहा है !

निद्रिस्त और बिकाऊ समाजमन , चेतना शून्य समाज ,
राष्ट्रविघटनकारी शक्तियों को साथ देनेवाला तथा उनकी शक्ति बढाने वाला , समाज में संभ्रम फैलाकर अपना उद्दीष्ट साध्य करनेवाला मिडिया हाऊस , ऐसे भयंकर माहौल में कार्य तेज करना कोई साधारण बात नहीं है ! फिर भी कुछ पुण्यात्माओं द्वारा समाज जागृती अभियान तेज किया जा रहा है !

मगर इसके लिए भी जो अपेक्षित गति मिलनी चाहिए वह गति नहीं मिल रही है ?

समाज मन पर गहरा असर करनेवाला फिल्म प्रोडक्शन हाउस भी इसके लिए प्रभावी भूमिका निभा सकता है !
” *कश्मीर फाईल “* ने यह भी दिखाई ही दिया है !
इसी विषय पर आधारित अनेक फिल्मों का निर्माण भी हो रहा है !
मगर फायनान्स का अभाव और उदासीन समाज की उदासीन मानसिकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे ऐसे विषयों में भी गति प्राप्त नहीं कर रहे है !

आज की घडी में असामाजिक तत्वों पर , राष्ट्रद्रोही शक्तीयों पर चौफेर और वैचारिक हमले करके , और निद्रिस्त तथा चेतना शून्य समाज में जागृती लाने के लिए एक यशस्वी तथा शक्तिशाली रणनीति बनाकर उसपर तुरंत अमल करने की सख्त जरूरत है !

मैं अनेक सालों से
अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के निर्माण द्वारा समाज जागृती अभियान तथा समाज चेतना जागृती अभियान तेज करने का प्रयास कर रहा हूं !
मगर अपेक्षित फायनान्स के अभाव से उपरोक्त कार्य को गति नहीं मिल रही है !
मोदिजी ,योगीजी को भी मैंने इसी विषय पर प्रस्ताव कुछ माध्यमों द्वारा भेजे है !

देखते है भविष्य में क्या होता है ?
ईश्वरी सहायता कितनी मिलती है ?
नियती के मन में क्या हलचल चल रही है ?

एक बात तो पक्की तय है की ,
यह एक युगपरिवर्तन का युग आरंभ हो गया है ! और जल्दी ही वैश्विक स्तर पर युगपरिवर्तन भी होगा ऐसी उम्मीदें भी है !
ईश्वर और नियती भी यही चाहती है !

*विश्व गुरु भारत ?*

*क्योंकि युगपरिवर्तन यह ईश्वर का सिध्दांत है !*

और युगपरिवर्तन तो होकर ही रहेगा !

इसके लिए वैश्विक स्तर पर अनेक अद्भुत तथा चमत्कारिक घटनाएं आरंभ हो रही है !
हिंदुत्व के प्रति वैश्विक स्तर पर बढता व्यापक प्रभाव भी अनेक देशों में गतीशील हो रहा है !

फिर भी चेतना जागृती अभियान द्वारा इसका प्रभाव और अपेक्षित परिणामों की गती भी बढानी पडेगी !
दयानंद सरस्वती जी जैसा शुध्दि आंदोलन तीव्र करना पडेगा !
स्वामी विवेकानंद जी जैसे महापुरुषों के शुध्द आध्यात्मिक विचारों को गतीशील करना पडेगा !

*जय श्रीकृष्ण !!*

( *महत्वपूर्ण टीप :* – ऐसे महत्वपूर्ण समय में , हम सभी के उज्वल भविष्य के लिए , हम सभी भारतीयों का दाईत्व है की ,
मोदिजी योगीजी को ही चुने !
बिजेपी और कमल का फूल ही चुने ! )

【 भविष्य में वैश्विक स्तर पर
समाज चेतना जागृती अभियान तेज किया जायेगा ! आप सभी को इसमें बढचढकर सहभाग लेना ही है 】

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