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*जालीम !*
✍️ २५८९

जो जहर हजम करता है
केवल उसे ही पता होता है की जहर कितना जालिम होता है ?
बगल वाले को इसका दुखदर्द कैसे समझ में आयेगा ?

जो आग में जलता है उसे ही पता होता है आग क्या होती है ! अगलबगल वाले इसकी दाहकता क्या समझेंगे ?

हरी ओम्

*विनोदकुमार महाजन*

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