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कलीयुग का उल्टा न्याय ¿¿¿❓
✍️ २३८८
विनोदकुमार महाजन
🙊🙊🙊🙊🙊
जब कोई तडपतडपकर
मर रहा होता है ,
उसी समय ईश्वरी सिध्दांतों के
अनुसार उस तडपते व्यक्ती को
हम दयाभाव से अमृतपान करके
नवसंजीवनी देते है !
मगर कलियुग का उल्टा और
भयंकर विचित्र न्याय देखिए ,
जब हम मुसिबतों में फँस जाते है
और तडपने लगते है , किसी का सहारा ढूंढने लगते है ,
तब सारी दुनिया हमसे दूर भागेगी !
इतना ही नहीं तो , जिसे नवसंजीवनी देकर हमनें बचाया , वह भी हमें तडपाकर ही मारेगा !
जिसके मुसिबतों में आँसू पोंछे ,
शायद वहीं हमें रूलायेगा भी !?
अजब का न्याय है दुनियादारी का !
मगर एक बात भी पक्की तय है की , मुसिबतों की भयंकर घडी में , खुद ईश्वर ही तुम्हारे आँसू पोछेगा ! श्रद्धा उच्च कोटि की होगी तो ईश्वर की दिव्यानुभूति जरूर मिलेगी ही !
मेरा तो यही अनुभव है !
आप भी अनुभव करके देखिए !
शायद आपका अनुभव अलग होगा !
अंदाज अपना अपना !
जीना इसी का नाम है !!
हरी ओम्
जय श्रीकृष्णा
🙏🙏🙏🙏🙏