23 Views
*हिंदू साथीयों ….*
*तुम्हारा जीवन ? रामभरोसे*
❓😭❓😭❓😭❓
संपूर्ण विश्व में फैले हुए मेरे तमाम हिंदू साथीयों , और हिंदुत्व पर प्रेम करनेवाले सभी प्रिय भाईयों….
सचमुच में आज
हम सभी हिंदू भाईयों का जीवन ❓
रामभरोसे ही हो गया है ??
हमारा ना कोई तारणहार है और नाही हिंदुओं पर हो रहे भयावह अत्याचार को रोकनेवाला….कोई
ईश्वरी दूत…?
हम सभी हिंदुओं का संपूर्ण जीवन ही क्या दाँवपर लगा हुवा है ?
सचमुच में ??
एक ईश्वर के सिवाय हमारा कोई तारणहार ही नहीं है !
इतना भयावह वातावरण देखकर सचमुच में भयंकर आत्मक्लेश होते है !
आत्मा तडप उठती है !!
और ?
विश्व में इतनी बडी आदर्श संस्कृती पर हो रहे हमले देखकर…
हमारा जन्म ही व्यर्थ गया ,
अथवा ईश्वर ने हमें व्यर्थ ही धरती पर भेजा…
ऐसे विचार मन में आने लगते है !
आज की घडी में ,
” खबरदार किसीने मेरे हिंदू भाईयों को हाथ लगाया तो
अन्यथा ??
तुरंत भयावह परीणाम देखने पडेंगे ”
ऐसा कहनेवाला और तुरंत कृती में लानेवाला…
एक भी माई का लाल ?
इस धरती पर नहीं है ??
कहाँ विलुप्त हो गया वह
शिवा का अंगार जैसा धधगता ईश्वरी तेज ??
विश्व के कौनसे भी कोने में मेरा हिंदू भाई रहता है और उसपर जघन्य अत्याचार आरंभ हो जाता है तो ?
उस अत्याचारी को तुरंत सबक सिखाने का हमारे पास कोई पर्याप्त पर्याय ही नहीं बचा है ??
ऐसा भयंकर दृष्य देखकर भी हमारी आत्मा अगर तडप नहीं उठती है तो…?धिक्कार है हमारा और हमारे नरदेह का भी !
आज तक हिंदुधर्म की भयंकर क्षति हो गई है !
और आज भी चालू है !
यह क्षति कौन रोकेगा ?
ईश्वर के सिवाय हमारा रखवाला कोई भी नहीं है ?
एक छोटासा देश ईस्त्रायल ?
कितना आदर्श उदाहरण ?
अगर एक इस्त्रायली या यहुदी को कोई नुकसान पहुंचाता है तो ?
तुरंत और कठोर एक्शन लिया जाता है !
और हमारे यहाँ ??
कबतक खुले आँखों से ऐसा भयावह तबाही का मंजर देखते रहेंगे ?
कितने दिनों तक आखिर मौन और शांत रहेंगे ?
सहनशीलता की भी मर्यादाएं होती है !
विश्व का सबसे महान कुटनितीज्ञ भगवान श्रीकृष्ण भी …?
जब धर्म पर मुसिबतों का भयंकर और भयावह दौर आरंभ होता है तब ?
कुटनीति का पर्याय छोडकर
धर्म युध्द की ही घोषणा करता है !
लाभ हानि का विचार छोडकर !
अपने पराये का विचार छोडकर !
जब कुटनीति द्वारा
भगवान श्रीकृष्ण जब क्रूर दुर्योधन के सामने
कृष्णशिष्टाई द्वारा सम़झौते का पर्याय रखता है तब ?
निष्पन्न क्या होता है ?
आखिर स्वयं ईश्वर को भी समझौता छोडकर धर्म युध्द का ही पर्याय स्विकारना पडा था ना ?
धर्मयुद्ध !!
तब जाकर
धर्म ,सत्य , मानवता बची थी !
आज का भयंकर , भयावय विनाशकारी दौर देखकर आप सभी को क्या लगता है ?
क्या हिंदुओं पर हो रहे भयावय अत्याचार …
यह न्याय निती का उदाहरण है ??
अब कहाँ है
वैश्विक मानवता आयोग ??
कहाँ है विश्व के तमाम मानवताप्रेमी ??
अरे
कुछ तो भी करो !
तुरंत करो !
और मेरे हिंदू साथीयों को बचालो !
कुटनीति और राजनीति के सारे रास्ते बंद हो गये है !
और अगर हमारे साथियों को बचाना है , उन्हें न्याय दिलाना है तो ?
तुरंत और कठोर , सख्त कदम उठाने ही पडेंगे !
कबतक अत्याचार सहते रहेंगे ??
मेरे हिंदू साथीयों को बचाने की अब प्रत्यक्ष कृती चाहिए !
केवल और केवल घोषणाएं और मोर्चा बाजी से कुछ भी साध्य नहीं होगा !
केवल व्हाट्सएप और फेसबुक खेलने से कुछ भी साध्य नहीं होगा !
ऐसे रोने से क्रूर दुर्योधन जैसे अमानवीय और अत्याचारीयों पर एक प्रतिशत भी फर्क नहीं पडनेवाला है !
भगवान श्रीकृष्ण ने
स्वयं भगवान होकर भी
दुर्योधन जैसे अनेक अत्याचारींओं को ठीक …
” षठ प्रति षाठ्यम् ”
वैसा ही उत्तर दिया था !
जैसे को तैसा !
वह भी विनाविलंब !
ऐसा कर्तव्य कठोर निर्णय लेनेवाला और धर्म ,सत्य ,मानवता बचाने वाला ?
कौन आगे आयेगा ??
मुर्दाड मन से पडे हुए हिंदुओं को जगाने का नहीं बल्कि
ऐसे लोगों को और समाज को नवसंजीवनी देकर ,
पुनर्जीवित करने का यह समय तो जरूर है ही !
मगर इससे भी पहले ठोस और कठोर निर्णयों द्वारा और…
और एक तगड़ी वैश्विक यशस्वी रणनीति द्वारा
अमानवीय और अत्याचारी समुह को तुरंत काबू में करना समय की सख्त जरूरत है !
इसके लिए संपूर्ण विश्व को
एक छत्र के निचे खडा करना अनिर्वाय और अति आवश्यक भी है !
मैं स्वयं इसी विषय में
मोदिजी , योगीजी
तथा डोनाल्ड ट्रंप और
नेतान्याहू जैसे वैश्विक महान शुरविरों को मिलना चाहता हूं !
देखता हूं
भगवान श्रीकृष्ण भी
स्वयं मुझे अगला क्या रास्ता दिखाता है ?
ऐसे भयावय मुसिबतों की घडी में आखिर वहीं हमारा तारणहार है !
जय श्रीकृष्ण !!
राधे राधे !!
हरी ओम्
🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🙏🙏🙏🙏
*विनोदकुमार महाजन*
अंतरराष्ट्रीय पत्रकार