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जानो , जागो !!
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केवल और केवल एक ही मत के आधार पर ,
घात करके सत्ता हतीयायी
और फर्जी लोकतंत्र के नामपर ( लोकतंत्र को ही खत्म करने का , असली खेल तो यही से ही आरंभ हुआ है ) अंदरूनी गुप्त तानाशाही चलाकर
हिंदुत्व को बरबाद करने का
भयंकर जालिम षड्यंत्र रचाकर देश और यहाँ की
आदर्श संस्कृति को तबाही की कगार पर लाकर खडा कर दिया !
आज का भयंकर अराजक उसी का परिणाम है !
सोचो , समझो , जानो , जागो और असली गुनहगारों को पहचानकर , इसकी अंतिम काट निकालो !
तभी देश बचेगा , तभी संस्कृति बचेगी !
गुप्त तानाशाही में , गुप्त षड्यंत्रों द्वारा , हिंदुत्व की आवाज उठाने वालों को ही ,
भयावय षड्यंत्रों द्वारा संपूर्ण नेस्तनाबूद करने की , अनेक जटिल योजनाएं बनाई गई !
इसकी
यशस्वी रणनीति द्वारा यशस्वी काट तो ढूंडनी ही पडेगी और सही अर्थ से लोकतंत्र तो बचाना पडेगा !
और यशस्वी काट निकालना आज इतना भयंकर जटिल है कि , आज भी षड्यंत्रकारीयों ने सत्य को , चारों ओर से , और पूर्ण रूप से घेर के रखा है !
शिवाजी महाराज की यशस्वी रणनीति ही ऐसे भयानक षड्यंत्रों के चक्रव्यूह को भेद सकती है , और असली लोकतंत्र बचा सकती है !
लोकतंत्र खतरे में है , ऐसा चिल्लाने वालों ने ही लोकतंत्र का गला घोंट दिया है और उपर से उल्टा चिल्लाते रहे है !
अंदर का सिस्टम ही उन्होंने भयावय बनाके रखा है !
इसीलिए अंदर का सिस्टम पूर्ण रूप से जबतक दुरूस्त नहीं किया जा सकता है तबतक ,
अपेक्षित परीणामों की आशा करना गलत है !
सत्तास्थान किसके भी हाय में हो सिस्टम तो उनका ही चलता है जो मूल संविधान को ही खोकला बनाता है !
उनके जैसा ही गुप्त मगर ईश्वरी सिध्दांतों पर चलनेवाला आदर्श तानाशाह
ही इसकी अंतिम काट है !
असली समस्याओं की जडे वहीं उखाड़ कर फेंक सकता है !
जैसे ?
सोचो !!
४०० पार का नारा ही इसकी अंतिम काट थी ! मगर यह मिशन भी गुप्त रखना चाहिए था !
इससे उनको षड्यंत्र बनाने का और ४०० पार की काट निकालने का असली मौका मिल गया !
देश को गुमराह करके और अंधेरे में रखकर ,
संविधान खतरे में का नारा देकर !
फिर वही पूरानी चाल !
देशवासियों को गुमराह करने की !
अब ऐसे लोगों के विरुद्ध
राष्ट्र द्रोह के तेज मुकदमे भी नहीं चलाये जा रहे है !
इससे ही उनका युकोसिस्टम फेल होगा !
यहीं पर सत्य यश से काफी दूर गया , और असत्य का थोडे दिनों का सपना पूरा हो गया !
आज भी ? समय हाथ में है ! जानो !
संविधान बचाव का नारा देनेवाले राष्ट्र ×× शक्तियों ने ही बारबार संविधान से खिलवाड़ करके ,
असली संविधान ही संपूर्ण रूप से बदल दिया है !
जागो , जानो !!
वास्तव पहचानो !
और उपर से ?
आज भी लगभग सारा देश ?
गहरी नीद्रा में है !
भयावय विनाशकारी वास्तव उसे पता ही नहीं है !
देश को अंधेरे में रखकर कार्य करना यह भी उनके सिस्टम का ही एक भाग है !
जैसे ?
संपूर्ण देश को अंधेरे में रखकर ही सत्तास्थान हथीयाया गया !
गहरी चाल !
काट ???
जय श्रीकृष्ण !!
विनोदकुमार महाजन