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*सत्य की जयजयकार हो !!*

” तुम ” कितना ही बूरा चाहो
बूरा सोचो ; होगा तो अच्छा ही , सैतानों ,हितशत्रुओं ,
और होगा तो ईश्वरी इच्छा
से ही सबकुछ मंगल ही !!

यह हिंदुराष्ट्र बनकर ही रहेगा !
अंधेरा छटेगा ,सूरज उगेगा ..
नयी रोशनी लेकर
आसमान प्रकाशमान करेगा !

करकर ही रहेगा !

सत्य का , धर्म का प्रकाश
चारों ओर , संपूर्ण विश्व में
फैलेगा ही फैलेगा !

अंधेरा छटना , सूरज उगना
यह तो सृष्टि का नियम है !
ठीक वैसे ही सत्य की जयजयकार होना , धर्म की
जीत होना यह भी विधी का
विधान ही है !
इसे कौन टाल सकेगा ?

आज का भयावह अधर्म का
अंधेरा भी हटेगा !

सत्य को हराने की ,
तुम कितनी भी लाख कोशिश करलो हैवानों ,
धर्म की जयजयकार होकर ही रहेगी !
सत्य की जीत होकर रहेगी !

यह कोई कवि कल्पना नहीं है , बल्कि ईश्वरी सिध्दान्त है !

और ? यह दिन भी दूर नहीं !
आखिर सत्य को और ईश्वर को भी ? कौन हरायेगा ?

चार दिन के मजे ? करके लो सैतानों !
क्योंकि ? तुम्हारा अंत नजदीक है !!

*भगवत् गीता माता की* *जयजयकार हो !!*

*भगवान विष्णु की जयजयकार हो !!*

*भगवान श्रीकृष्ण की त्रिवार* *जयजयकार हो !!*

*आदिपुरुष बार्शी भगवंत की* *जयजयकार हो !!*

*विष्णु अवतारी कल्कि* *भगवान की जय हो !!*

*आसमान प्रकाशमान* *करनेवाले , सभी को* *नवजीवन , नवचैतन्य* *देनेवाले , ( कारी के )* *सुर्यनारायण की त्रिवार* *जयजयकार हो !!*

*सभी को आनंदित रखने* *वाली , ऐश्वर्य* *देनेवाली , हम सभी की* *माता , विष्णु पत्नी , माँ* *महालक्ष्मी की , त्रिवार* *जयजयकार हो !!*

*विनोदकुमार महाजन**

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